CTET Previous Year Question Paper must be included in exam preparation to score good marks in the exam. The exam notification is expected soon and thus it is the right time to streamline the preparation with the previous year’s question paper for the exam. Check the question papers with answers to upgrade your performance. By solving CTET question papers, candidates can get an idea of the exam pattern and difficulty level of the questions asked in the exam.
CTET 2022 All Question Papers: Overview
The CTET or Central Teachers Eligibility Test is conducted by the Central Board of Secondary Education twice a year. The CTET exam 2021-22 has been concluded on 21st January 2022. As you all know almost a 1-month CTET exam was running with 2 shifts. Thus every candidate wants to check the all question paper of the CTET exam 2022. If you have not attended the exam you must download the CTET all questions and do the practice more and more. For more information read the following table:
Conducting Body | Central Board of Secondary Education(CBSE) |
Official Website | ctet. nic.in |
Mode of exam | Online |
Paper Language | 20 Languages |
Nature of Exam | Qualifying |
Exam Duration | Two and half hours (per paper) |
Negative Marking | NA |
CTET Previous Year Question papers ensures accuracy and speed of solving the question paper in the main exam. Practicing the papers makes the candidates familiar with the level of questions and increases accuracy within the required time. The CTET previous year’s question papers PDF are available on this website. Download Paper 1 and Paper 2 question Papers PDF for the year 2021, 2019, 2018, 2016 in Hindi & English with the answers here.
CTET Exam Pattern 2022
As per the exam pattern of CTET 2022, candidates will be able to choose either the Paper I and II or one of them. Paper I is for the primary level and Paper II is for the elementary level. Check the table below to know more about the CTET exam pattern 2022.
CTET 2022 Exam Pattern For Paper 1
S.No | Sections | No. of Questions | Marks |
1. | Language I (compulsory) | 30 | 30 |
2. | Language II (compulsory) | 30 | 30 |
3. | Child Development and Pedagogy | 30 | 30 |
4. | Environmental Studies | 30 | 30 |
5. | Mathematics | 30 | 30 |
Total | 150 | 150 |
CTET Exam Pattern 2022 For Paper 2
S.No | Sections | No. of Questions | Marks |
1. | Language I (compulsory) | 30 | 30 |
2. | Language II (compulsory) | 30 | 30 |
3. | Child Development and Pedagogy | 30 | 30 |
4. | Mathematics and Science (for Mathematics and Science teacher only) | 60 | 60 |
5. | Social Studies/Social Science (for Social Studies/Social Science teacher only) | 60 | 60 |
Total | 150 | 150 |
Know about Other TET Exams:
Benefits of CTET Question Papers
Knowledge Enhancement: Solving the CTET previous year question paper will help the candidates to get a good grasp over the CTET syllabus. The CTET previous question papers will help in the enhancement of knowledge and learning skills.
Understanding of exam pattern: The CTET question papers will help the aspirants to understand the exact exam pattern of CTET such as what are the important topics, how questions are framed in the question paper CTET, and the important points.
Accuracy: One of the key benefits of solving the CTET question paper is to attain accuracy while answering in CTET 2022 exam. Even though there is no negative marking, the more you are accurate the better score you will get.
Confidence Booster: The CTET question papers solving process will act as a confidence booster for the aspirants. When you get a good score after solving the paper that will increase your confidence level. You will get to know about preparation where you are missing out.
Download Answer Key
CTET Exam January 2021 Paper – 2 (Junior Level)
Part – I Child Development and Pedagogy
(Official Answer Key)
निर्देश: निम्नलिखित प्रश्नों (प्र. संख्या 1 से 30) के उत्तर देने के लिए सही सबसे उपयुक्त विकल्प चुनिए :
1. कक्षा में अर्थपूर्ण अधिगम को प्रोत्साहित करने के लिए अध्यापिका को ______
(i) विद्यार्थियों की सहायता करनी चाहिए कि . वे अपने मनोभावों और अभिप्रेरणों को सुव्यवस्थित कर पायें।
(ii) विद्यार्थियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर वर्गीकृत और नामांकित करके उनके योग्यता-आधारित समूह बनाने चाहिए।
(iii) विद्यार्थियों में संवाद और परिचर्चा को प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे वे बहुपरिप्रेक्ष्य करने में सशक्त हों।
(iv) कक्षा में विविधता की उपेक्षा करके शिक्षण की मानक विधि को अपनाना चाहिए।
(1) (i), (iii), (iv)
(2) (i), (ii), (iii), (iv)
(3) (i), (iii)
(4) (ii), (iii)
2. प्रतिकूल परिस्थितियों और वंचित पृष्ठभूमि वाले अधिगमकर्ताओं को संबोधित करने के लिए निलिखित में से कौन सी पद्धति प्रभावशाली नहीं है
(1) विद्यार्थियों को संतुलित चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों के लिए अभिप्रेरित करना और उपयुक्त शिक्षण सहायता उपलब्ध कराना।
(2) कार्यकलापों के लिए सहयोगी समूह बनाना और विद्यार्थियों को एक दूसरे का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करना ।
(3) अधिगमकर्ताओं से बातचीत करके उनकी आवश्यकताओं और उनके सम्मुख आई चुनौतियों को समझना ।
(4) अधिगमकर्ताओं को विद्यालय के बाहर ट्यूशन पढ़ने के लिए कहना, जिससे कि अध्यापक को उन पर अधिक ध्यान न देना पड़े।
3. बच्चों के अधिगम में शारीरिक स्वास्थ्य और सांवेगिक अवस्था ______
(1) का कोई आपसी संबंध नहीं है।
(2) की भूमिका नगण्य है ।
(3) का कोई प्रभाव नहीं होता है।
(4) की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
4. कक्षा में प्रभावशाली अधिगम के लिए ______ वातावरण की रचना करनी चाहिए बजाए ______ वातावरण के।
(1) भयावह ; सुसाध्यक
(2) प्रतिस्पर्द्धिक ; सुसाध्यक
(3) सहयोगिक ; प्रतिस्पर्द्धिक
(4) प्रतिस्पर्द्धिक ; सहयोगिक
5. निम्नलिखित में से कौन सा उदाहरण विद्यार्थियों को अधिगम के लिए अभिप्रेरित करने के लिए प्रभावशाली पद्धति है ?
(1) वे कार्य देना जो कि बहुत सरल हों ।
(2) प्रतियोगिताओं के लिए बहुत से अवसर उत्पन्न कराना।
(3) पाड़ उपलब्ध कराना विशेषकर जब विद्यार्थी कोई नया कौशल सीख रहे हों ।
(4) सीखने से ज्यादा कार्य पूर्ण करने पर बल देना।
6. बच्चों के चिंतन के विषय में निम्नलिखित में कौन सा कथन सही नहीं है ?
(1) बच्चे अपने आस-पास की विविध घटनाओं के बारे में सक्रियतापूर्वक सोचते हैं और उनमें अन्वेषण (छान-बीन) की लालसा होती है।
(2) बच्चे अपने आसपास की वस्तुओं को जानने के लिए जन्मजात जिज्ञासु होते हैं ।
(3) बच्चे अपने आस-पास की विविध घटनाओं के बारे में स्वयं अपने सिद्धांतों की रचना करते हैं।
(4) बच्चे प्रत्ययों को स्वयं नहीं सोच सकते और अध्यापक की मूल भूमिका उन्हें जानकारी उपलब्ध कराना है।
7. अधिगम, एक ______ और ______ प्रक्रिया है।
(1) सरल ; व्यक्तिगत
(2) जटिल ; निष्क्रिय
(3) जटिल ; सक्रिय
(4) सरल ; रैखिक
8. अपनी कक्षा में अर्थपूर्ण अधिगम को सुसाध्य बनाने के लिए अध्यापिका को अपनी कक्षा में सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, भाषीय विविधता को ______ चाहिए।
(1) समझना
(2) अनदेखा करना
(3) टालना
(4) उपेक्षित करना
9. एक ______ कक्षा में अध्यापिका अपनी शिक्षा शास्त्र व आकलन की विधियों को विद्यार्थियों की व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार परिवर्तित करती है।
(1) पाठ्य-पुस्तक केंद्रित
(2) व्यवहारवादी
(3) अध्यापक-केंद्रित
(4) प्रगतिशील
10. बच्चों का विद्यालय में असफल होना –
(1) साबित करता है कि इन बच्चों में आनुवंशिक पैदाइशी कमियाँ हैं और इन्हें विद्यालय से निकाल देना चाहिए ।
(2) सूचित करता है कि अभिभावकों में अपने बच्चों के अधिगम में सहायता करने का सामर्थ्य नहीं है ।
(3) प्रस्तावित करता है कि वंचित पृष्ठभमि वाले बच्चों में अधिगम का सामर्थ्य नहीं होता है।
(4) निर्दिष्ट करता है कि विद्यालय इन बच्चों की आवश्यकताओं और रुचियों की पूर्ति करने में समर्थ नहीं है।
11. समूह में एक-दूसरे को पढ़ाने और सहायता करने से –
(1) बच्चों का ध्यान भंग हो सकता है और यह एक प्रभावशाली शैक्षिक पद्धति नहीं है ।
(2) बच्चों में प्रतिस्पर्धात्मक प्रवृत्ति उत्पन्न होती हैं, जो कि अधिगम में विघ्न/रुकावट पैदा करती है।
(3) बच्चे स्वयं की चिंतन प्रक्रिया पर आक्षेप कर सकते हैं और संज्ञानात्मक क्रियाकलाप के उच्च स्तर पर पहुँच सकते है।
(4) बच्चों में भ्रांति उत्पन्न हो सकती है, जो उनके अधिगम में हस्तक्षेप करती है।
12. बच्चों के समाजीकरण में विद्यालय
(1) प्राथमिक कारक है।
(2) द्वितीयक कारक है।
(3) की कोई भूमिका नहीं है ।
(4) की बहुत कम भूमिका है।
13. निम्नलिखित में से किस मनोवैज्ञानिक ने प्रस्तावित किया है कि बच्चों का चिंतन गुणात्मक रूप से वयस्कों की अपेक्षा अलग होता है ?
(1) हॉवर्ड गार्डनर
(2) लॉरेंस कोलबर्ग
(3) जीन पियाजे
(4) लेव वायगोत्स्की
14. विकास के विषय में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है ?
(1) विकास सुरुचिपूर्ण, सुव्यवस्थित समूह की अवस्थाओं में पूर्वनिश्चित आनुवंशिक घटकों के कारण होता है।
(2) विकास एक सरल और एक-दिशीय प्रक्रिया है।
(3) बच्चों के विकास में बहुत-सी सांस्कृतिक विविधताएँ होती हैं।
(4) संसार में सभी बच्चों का विकास एक ही के क्रम में और सुनिश्चित समय से होता है ।
15. निम्नलिखित में से मध्य बाल्यावस्था की अवधि का मुख्य प्रमाण चिह्न कौन सा है ?
(1) पेशीय कौशल और समग्र शारीरिक वृद्धि का तेजी से विकास ।
(2) वैज्ञानिक तर्क और अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता का विकास ।
(3) प्रतीकात्मक-खेल का उभरना ।
(4) तर्कसंगत विचारों का विकास जो कि प्राकृतिक रूप से मूर्त हैं।
16. जीन पियाजे के अनुसार बच्चे अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था में –
(1) संरक्षण, वर्गीकरण व श्रेणीबद्धता करन सक्षम नहीं हैं।
(2) प्रतीकात्मक और सांकेतिक खेलों में भाग लेना प्रारंभ करते हैं।
(3) परिकल्पित निगमनात्मक तर्क और प्रतिज्ञप्ति चिंतन करने में समर्थ हैं।
(4) केंद्रीकरण और अनुत्क्रमणीय सोच स आबद्ध हैं।
17. लॉरेंस कोलबर्ग की नैतिक विकास के सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति किस अवस्था में है जब विश्वास करता है कि वर्तमान सामाजिक प्रणाली सक्रियतापूर्वक बनाए रखने से धनात्मक मानवीय संबंध और सामाजिक वर्ग सुरक्षित रहता है ?
(1) यंत्रीय उद्देश्य अभिविन्यास
(2) सार्वभौमिक नैतिक सिद्धांत अभिविन्यास
(3) दंड और आज्ञापालन अभिविन्यास
(4) सामाजिक-क्रम व्यवस्था अभिविन्यास
18. बाल्यावस्था की अवधि में विकास –
(1) में केवल परिमाणात्मक परिवर्तन होते हैं।
(2) अनियमित और असंबद्ध होता है ।
(3) धीमी गति से होता है एवं उसे मापा नहीं जा सकता।
(4) बहुस्तरीय और मिश्रित होता है
19. ‘निकटस्थ विकास का क्षेत्र’ क्या है ?
(1) वह प्रक्रिया जिसमें शुरू में विभिन्न समझ वाले दो व्यक्ति समान समझ पर पहुँचते हैं ।
(2) वह प्रक्रिया जिसमें बच्चे, समाज के वयस्क सदस्यों द्वारा निर्धारित विधि से कार्य करते हैं।
(3) बच्चों के वर्तमान स्तर पर स्वतंत्र प्रदर्शन और वयस्क व अधिक कौशल वाले समकक्षियों की सहायता से बच्चे द्वारा उपार्जित किए जाने वाले प्रदर्शन के मध्य का क्षेत्र है।
(4) विभिन्न प्रकार के कार्य जो कि अपनी आयु के अनुसार बच्चे को करने चाहिए परन्तु वह नहीं कर सकती है।
20. एक प्रगतिशील कक्षा में शिक्षण – अधिगम प्रक्रिया के दौरान अधिगमकर्ताओं का मूल्यांकन –
(1) अभिभावकों को प्रतिपुष्टि देने के प्रयोजन से ‘बेहद सफल’, ‘कम सफल’ व ‘असफल’ विद्यार्थियों को पहचानने में सहायक होता है।
(2) बेहद महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह बच्चों की समझ की जानकारी देता है और अध्यापिका को अपने शिक्षा-शास्त्र पर विचारने में सहायक होता है।
(3) बच्चों के अधिगम में सहायक नहीं है ।
(4) बच्चों की अधिगम प्रक्रिया में रुकावट उत्पन्न करता है।
21. हॉवर्ड गार्डनर के बहु-बुद्धि सिद्धांत के अनुसार निम्नलिखित में से कौन सा जोड़ा बुद्धि के प्रकार और अंत-स्थिति अनुपालन संभावना के अनुसार सही है ?
बुद्धि का प्रकार | अंत-स्थिति अनुपालन संभावना |
(1) भाषिक | मूर्तिकार |
(2) शारीरिक गति-संवेदनता | खिलाड़ी |
(3) स्थानिक | मनोवैज्ञानिक |
(4) अंतरावैयक्तिक | विक्रेता |
22. लेव वायगोत्स्की के अनुसार –
(1) बच्चों का संज्ञानात्मक विकास चरणों में होता है।
(2) स्कीमा के परिपक्वन से बच्चों में संज्ञानात्मक विकास अग्रसर होता है।
(3) बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में भाषा की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
(4) बच्चे ‘भाषा अधिग्रहण यंत्र’ द्वारा भाषा सीखते हैं।
23. बाल-केंद्रित कक्षा वह है, जिसमें –
(1) बच्चों के व्यवहार को निदेशित करने के लए अध्यापक पुरस्कार और दंड का प्रयोग करता है।
(2) अध्यापक लचीला है और प्रत्येक बच्चे की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूरा करता है।
(3) अध्यापक केवल पाठ्यपुस्तक को ज्ञान के स्रोत के लिए उपयोग करता है।
(4) अध्यापक, बच्चों को उनकी क्षमता के आधार पर वर्गीकत करता है।
24. किस मनोवैज्ञानिक के अनुसार बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में ‘सांस्कृतिक उपकरण’ एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ?
(1) अल्बर्ट बन्डुरा
(2) बी.एफ. स्किनर
(3) लेव वायगोत्स्की
(4) जीन पियाजे
25. कक्षा में सभी लिंगों में जेंडर रूढ़िवादिता कम करने और विकास के विस्तार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रभावशाली पद्धति कौन सी है ?
(1) एक ही लिंग के योग्यता समूह बनाना ।
(2) क्रियाकलाप के लिए मिश्रित लिंग समूह बनाना और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित करना।
(3) लिंगों के जैविक अंतरों की उपेक्षा करना और उन्हें अस्वीकार करना ।
(4) समाज में चित्रित लिंग भूमिकाओं को प्रबल करना।
26. अध्यापकों को कक्षा में बहुभाषीयता को ______ समझना चाहिए।
(1) एक समस्या
(2) एक व्यवस्थागत मुद्दा
(3) एक गुण और साधन
(4) एक रुकावट
27. प्रतिभाशाली और सृजनात्मक बच्चों की आवश्यकताओं को किस प्रकार संबोधित किया जा सकता है ?
(1) प्रश्न हल करने के लिए विशिष्ट निर्देश उपलब्ध कराकर ।
(2) रटने पर आधारित परीक्षा देकर ।
(3) चुनौतीपूर्ण कार्य और नीरसता दूर करने के लिए क्रियाकलाप देकर ।
(4) वे प्रश्न देकर जिनमें अभिमुखी चिंतन की आवश्यकता है।
28. पठनवैफल्य बच्चों की पहचान किस प्रकार की जा सकती है ?
(1) उनके पढ़ने और लिखने की कौशलता के विश्लेषण से ।
(2) उनकी जटिल व उच्च-स्तरीय समस्याओं को हल करने की क्षमता का आकलन करके।
(3) उनके सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ को जानकर ।
(4) पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण द्वारा ।
29. आंशिक दृष्टि वाले विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित में से कौन सी अधिगम सामग्री उपयुक्त नहीं है ?
(1) बोलती पुस्तकें, स्पर्शीय सूचना पट
(2) छोटी मुद्रा वाली कार्यशीट
(3) बड़े आकार में मुद्रित पुस्तकें
(4) त्रि-विमीय नक्शे और चार्ट
30. ‘समावेशी शिक्षा’ के पीछे अंतर्हित विचार है –
(2) दार्शनिकता कि सभी बच्चों को नियमित विद्यालय में समान शिक्षा पाने का अधिकार है।
(3) बच्चों को उनकी योग्यता के आधार पर पृथक करना और व्यावसायिक प्रशिक्षण का प्रबंध करना।
(4) बच्चों की अक्षमताओं के आधार पर, उनकी सीमाओं की पहचान करने के लिए, उन्हें नामांकित करना।
(1) अलग-अलग अक्षमताओं वाले बच्चों के लिए विशिष्ट शैक्षिक संस्थानों का प्रावधान करना।